इस देश में 1 घंटे के अंदर बदले 3 राष्ट्रपति, दुनियाभर में मच गया था कोहराम
19 फरवरी 1913 में मैक्सिको के राष्ट्रपति थे फ्रांसिस्को आई मैडेरो।

अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव भले ही अब चर्चा का विषय बन चुका है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप हार मानने के मूड नजर नहीं आ रहे, लेकिन मैक्सिको की राजनीति में कुछ ऐसा हो चुका है, जिसने पूरी दुनिया को दंग कर दिया था। 107 साल पहले दुनिया रह गई थी दंगदरअसल 107 साल पहले मैक्सिको में महज एक घंटे के अंदर राजनीतिक उठापटक के चलते तीन तीन राष्ट्रपति रहे थे। 19 फरवरी 1913 में मैक्सिको के राष्ट्रपति थे फ्रांसिस्को आई मैडेरो।
मैडेरो के राष्ट्रपति पद से हटने के एक घंटे के अंदर ही पेड्रो लस्कुरिन राष्ट्रपति बने, लेकिन उन्होंने कुछ ही मिनटों में अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद विक्टोरियानो हुएर्टा राष्ट्रपति बने, पेड्रो लस्कुरित महज 26 मिनट के लिए राष्ट्रपति बने थे। पेनसिल्वेनिया में मुकदमा खारिज करने के खिलाफ ट्रंप के दल की अपील भी अस्वीकृत हुई
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक और कोशिश विफल रही। पेनसिल्वेनिया की संघीय अपीली अदालत ने ट्रंप के दल की ओर से दायर मुकदमे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ”राष्ट्रपति को वकील नहीं बल्कि मतदाता चुनते हैं।”
ट्रंप के दल ने पेनसिल्वेनिया में मुकदमा खारिज होने के खिलाफ थर्ड यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में अपील दायर की थी लेकिन तीन न्यायाधीशों के पैनल ने शुक्रवार को अदालत के पूर्व आदेश को बरकरार रखा। न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ”निष्पक्ष चुनाव हमारे लोकतंत्र के प्राण हैं।”
चार दिन पहले ही पेनसिल्वेनिया में ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन को राज्य में विजेता घोषित किया गया था। फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश स्टेफानोस बिबास की नियुक्ति ट्रंप द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा, ”पक्षपात के आरोप गंभीर हैं लेकिन चुनाव को पक्षपातपूर्ण कहने भर से नहीं चलेगा, स्पष्ट आरोप और उनके समर्थन में सबूत भी होने चाहिए। यहां इनमें से कुछ भी नहीं है।”