
नेपाल: नेपाल में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ प्रशासन की ओर से भेजे गए एक पत्र को लेकर अफरा तफरी मच गई है। धारचूला के एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने एक पत्र लिखकर नेपाल के जिला प्रशासन से अपील की थी कि नेपालियों को भारतीय क्षेत्र में अवैध तरीके से घुसने से रोकें। बताया गया है कि धारचूला जिला प्रशासन को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा में नेपाली चोरी-छिपे घुस रहे हैं।
धारचूला से लगे नेपाल के सीमाई जिला के प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है, कुछ समूह अवैध तरीके से सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं और मीडिया का ध्यान खींचने के लिए गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा में घुस रहे हैं। इससे दोनों देशों के प्रशासन को परेशानी हो रही है इसलिए आपसे अनुरोध है कि अगर आपको इस तरह की कोई भी जानकारी मिले तो हमें तुरंत सूचना दें।
नेपाल की सरकार की तरफ से इस पत्र को लेकर कोई जवाब नहीं आया है लेकिन नेपाली मीडिया में इसे लेकर हंगामा मच गया है। नेपाल के प्रमुख अखबार नया पत्रिका ने अपने पहले पृष्ठ पर इस पर कवर स्टोरी छापी है। इसका शीर्षक दिया गया है- भारत का आपत्तिजनक पत्र: नेपाली कालापानी और लिम्पियाधुरा में चोरी-छिपे घुस रहे।
नेपाल भारत के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर अपना दावा पेश करता है। नेपाली अखबार में भी इसे दोहराते हुए लिखा गया है, कालापानी 58 सालों से भारत के पास है और नेपालियों की एंट्री संभव नहीं है। हालांकि, भारत कह रहा है कि नेपाली चोरी-छिपे इन इलाकों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं।