आखिर मध्य प्रदेश में क्यों इस्तीफा दे रहे हैं कांग्रेस विधायक
जबकि एक विधायक बुंदेलखड क्षेत्र से चुनकर आए थे. विधायक इस्तीफा क्यों दे रहे हैं?

मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश में दो सप्ताह के भीतर ही कांग्रेस (Congress) के तीन विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. इस्तीफा देने वाले दो विधायक पूर्वी निमाड़ क्षेत्र के हैं. जबकि एक विधायक बुंदेलखड क्षेत्र से चुनकर आए थे. विधायक इस्तीफा क्यों दे रहे हैं?
इसका सिर्फ एक ही जवाब कांग्रेस के नेताओं के पास है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) मोटी रकम देकर विधायकों को खरीद रही है. राज्य में कांग्रेस की समस्या यह है कि उसके पास ऐसा प्रभावशाली नेतृत्व नहीं है, जो असंतुष्टों से बात कर उनके हितों को संरक्षण दे सके.
कांग्रेस के नेता अपने विधायकों को संभालने के बजाए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के खिलाफ बयानबाजी पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. सिंधिया के जाने से कमलनाथ-दिग्विजय हैं शक्ति केन्द्र
कांग्रेस की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया एक ताकतवर नेता माने जाते थे. दूसरा गुट कमलनाथ (Kamalnath) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का था. इस गुट में अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया जैसे नेता भी शामिल थे.
विधानसभा के आम चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था. सिंधिया चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष बनाए गए थे. स्वभाविक तौर पर वोटर ने सिंधिया को मुख्यमंत्री का चेहरा मान लिया.
सिंधिया का धैर्य 15 माह ही टूट गया
भारतीय जनता पार्टी ने भी सिंधिया विरोधी आक्रमक प्रचार की रणनीति अपनाई. कांग्रेस की 15 साल बाद सरकार में वापसी की बड़ी वजह सिंधिया के चेहरे को माना गया. लेकिन, राहुल गांधी ने राज्य का मुख्यमंत्री कमलनाथ को बनाया. सिंधिया को धैर्य रखने की सलाह राहुल गांधी से मिली.
सिंधिया का धैर्य 15 माह ही टूट गया. पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी नहीं बनाया. मार्च में सिंधिया ने अपने 19 समर्थक विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी. सिंधिया के पार्टी छोड़े जाने के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सबसे ताकतवर नेता बनकर उभरे हैं. सरकार जरूर हाथ से निकल गई. अब ये दोनों नेता विधायकों को इस्तीफा देने से नहीं रोक पा रहे हैं.