प्रदेश के छह बड़े शहरों में पटाखा फोड़ने पर लगा बैन, 31 जनवरी तक नहीं फूटेगा पटाखा
.छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने जारी किया आदेश

रायपुर।
ठण्ड में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने प्रदेश के छह बड़े शहरों में एक दिसंबर से 31 जनवरी तक पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर्यावरण मंडल ने इस संबंध में पिछले वर्ष निर्णय लिया था, जिसे इस साल भी क्रियान्वयन किया जा रहा है.
इस दौरान उच्चतम न्यायालय की ओर से क्रिसमस व नव वर्ष पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखें फोड़े जाने की अनुमति भी लागू रहेगी.पटाखे जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिये पर्यावरण मंजल ने प्रदेश के 6 प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ और कोरबा मेें 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक पटाखें फोडने पर प्रतिबंध लगाया है.
इसी के तहत पिछले वर्ष पर्यावरण विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 19(5) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया था। लेकिन क्रिसमस व नव वर्ष के अवसर पर रात्रि 11ः55 से 12ः30 बजे तक पटाखें फोडे जाने की अनुमति भी लागू रहेगी।
विदित हो कि रिट पिटीशन (सिविल) क्रमांक 728/2015 अर्जुन गोपाल विरूद्ध यूनियन आॅफ इंडिया में पटाखो के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किये गये है, जिसमें क्रिसमस व नव वर्ष के अवसर पर रात्रि 11ः55 से 12ः30 बजे तक पटाखें फोडे जाने की अनुमति दी गई है।
ठण्ड के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर बढता है, इसे निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाये रखने के लिये यह निर्णय लिया गया है। विदित हो कि छत्तीसगढ पर्यावरण संक्षण मण्डल द्वारा प्रदूषण की जीरो टाॅलरेंस की नीति है और इसलिये प्रदूषण को कम करने के लिये समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। मण्डल द्वारा प्रतिबंध के संबंध में लिया गया यह निर्णय उसी कडी का एक हिस्सा है।
पिछले 02 वर्षों से किये जा रहे लगातार प्रयासों के फलस्वरूप रायपुर की प्रदूषण स्तर में काफी सुधार हुआ है और वायु की गुणवत्ता बेहतर हुई है। रायपुर को ग्रीड में बांट कर माॅनिटरिंग की जा रही है जिसके फलस्वरूप रायपुर का प्रदूषण घट कर गुड की श्रेणी में आ गया है। दिपावली में भी प्रदूषण के स्तर में कमी आई है, और यह उद्योगों के साथ आम जनता के सहयोग से ही संभव हो पाया है।>