b’day spl: संजय दत्त की फिल्म ‘संजू’ में नजर आयेगा उनके जीवन का हर पहलु
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में ‘संजू बाबा’ के नाम से फेमस एक्टर संजय दत्त का आज 61वां जन्मदिन

मुंबई: भारतीय अभिनेता, लेखक और फिल्म निर्माता ‘संजू बाबा’ उर्फ़ संजय दत्त का आज 61वां जन्मदिन है। संजू का जन्म 29 जुलाई, 1959 को मुंबई में हुआ था। वह कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं, जिसमें दो फिल्मफेयर पुरस्कार और तीन स्क्रीन पुरस्कार शामिल हैं।
संजय दत्त की लाइफ किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। उनकी लाइफ में एक्शन, ड्रामा, रोमांस और वो सबकुछ रहा है जो एक सुपरहिट फिल्म में होना चाहिए। उनकी जीवन पर बनी बायोपिक फिल्म ‘संजू’ साल 2018 में रिलीज हुई थी। संजय दत्त ने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
आज हम आपको संजय दत्त के जन्मदिन पर उनकी लाइफ के उन पलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे याद करके वह आज भी कांप जाते हैं
संजय दत्त की फिल्म ‘संजू’ में उनके जीवन के हर उस पहलुओं को दिखाया गया था। इस फिल्म में उनके जेल जाने से लेकर उनके ड्रग्स के दिनों की के हर उस पहलु तो बाखूबी दिखाया गया था।
वहीं इस बात का खुलासा खुद संजय दत्त ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में दिए अपने स्पीच में भी किया था। इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था जो जमकर वायरल हुआ था। उनके इस वीडियो को विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था।
इस वीडियो में संजय दत्त अपनी ड्रग्स की लत के बारे में कहते हैं, ‘सुबह का वक्त था और मुझे बहुत जोरों की भूख लगी थी। मुझे नहीं पता था मेरी मां उस वक्त तक गुजर चुकी थीं। मैंने अपने नौकर से कहा कि मुझे खाना दे दीजिए।
उसने मुझसे कहा बाबा दो दिन हो गए आपने खाना नहीं खाया, बस सोते रहे। इसके बाद मैं उठा और सीधा बाथरूम में गया और मैंने अपने आपको देखा तो मैं मरने की हालत में था। मेरे मुंह और नाक से खून निकल रहा था।’
संजय दत्त आगे कहते हैं, ‘मैं अपनी हालत देखकर डर गया था और सुबह सात बजे अपने पिता के पास गया और कहा कि मुझे मदद की जरूरत है। मुझे ड्रग्स की लत लग गई हैं। मैं इससे बाहर निकलना चाहता हूं। मेरी बातें सुनकर वह भी काफी दुखी थे। इसके बाद वह मुझे अमेरिका पुनर्वास केंद्र ले गए। वहां मैं दो साल रहा।
लेकिन पहले साल ऐसा लगा कि मैं बार फिर से ट्राई करूं, लेकिन मैंने कहा नहीं, न करूंगा न करने दूंगा।’ वहीं संजय ने आगे कहा, ‘इसके बाद जब मैं अमेरिका से अपना इलाज करा कर वापस मुंबई वापस लौटा तो गेट पर मुझसे मिलने गेट पर एक पुराना ड्रग्स पेडलर दोबारा आ गया।
सुबह के सात बजे थे। जब मिलने गया तो देखा जो ड्रग्स पेडलर था, वो मिलने आया था। उसने मुझसे कहा कि बाबा एक ये नया माल आया है आपके लिए लाया हूं। ये आप फ्री में रख लो। उस वक्त मेरे पास सिर्फ सेंकड भर का समय था ये तय करने के लिए कि ड्रग्स ले लूं कि नहीं। उस एक सेकंड में मैंने तय किया कि अब मैं अपनी जिंदगी में कभी ड्रग नहीं लूंगा।’