चीन ने किया बड़ा फर्जीवाडा, नकली सोना देकर लिया 2 बिलियन डॉलर का लोन
इस सोने में 4 प्रतिशत सोना नकली है, जोकि अबतक का सबसे बड़ा सोना जालसाजी का मामला हो सकता है

नई दिल्ली: चीन के जिस शहर को कोरोना के जन्मदाता के रूप में जाना जाता है, वहीं से एक बार फिर दुनिया की सबसे बड़ी जालसाजी की घटना सामने आई है। यह हाल के इतिहास के सबसे बड़े सोने का जालसाजी कांड भी हो सकता है, जिनकी धमक न्ययॉर्क तक पहुंची है।
इस सोने के कांड के बाद चीन की किंगोल्ड ज्वैलरी इंक (KGJI.O) के न्यूयॉर्क में सूचीबद्ध शेयरों में सोमवार को 40% तक की गिरावट आई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे कंपनी का नकली सोना बताया जा रहा है, जिसका कथित तौर पर चीनी कंपनी ने जमानत के रूप में उपयोग करके ऋण प्राप्त किए थे।
चीनी व्यापार मीडिया आउटलेट कैक्सिन ने 27 जून को बताया कि किंगोल्ड ने पिछले पांच वर्षों में कम से कम 83 टन सोने की छड़ का उपयोग करके 20 बिलियन युआन (2.83 बिलियन डॉलर) प्राप्त किए थे, जिनमें से कुछ सोने का पानी चढ़ा हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सोने में 4 प्रतिशत सोना नकली है, जोकि अबतक का सबसे बड़ा सोना जालसाजी का मामला हो सकता है।
किंगोल्ड चीन हुबेई प्रांत की सबसे बड़ी गोल्ड प्रोसेसर
रिपोर्ट में कहा गया है कि चाइना मिनसेंग ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड के किंगोल्ड के शीर्ष लेनदार के पास सोने की छड़ें हैं, जिसे मई में परीक्षण के परिणामों में तांबे के मिश्र धातु से दर्शाया गया था। आठ साल के ऊंचे एक्सएयू कीमतों के साथ 83 टन सोने की कीमत लगभग 4.5 बिलियन डॉलर है। वुहान स्थित किंगोल्ड फर्म खुद को चीन में 24-कैरेट सोने के आभूषणों के अग्रणी निर्माता के रूप में वर्णित करती है।
किंगोल्ड चीन हुबेई प्रांत की सबसे बड़ी गोल्ड प्रोसेसर है। इसके चेयरमैन जिया झिहोंग चीन की शक्तिशाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व अधिकारी हैं। सोने के नकली होने का खुलासा फरवरी में हुआ जब एक ट्रस्ट ने डिफॉल्ट कर्ज की भरपाई के लिए गिरवी रखे सोने को बेचने की कोशिश की। तब पता चला कि जिसे सोना समझा जा रहा था वह गिल्डेड कॉपर निकला।
इस खबर के फैलते हुए किंगोल्ड के क्रेडिटरों में खलबली मच गई। जब बाकी वित्तीय संस्थानों ने अपने यहां गिरवी रखे सोने की शुद्धता की जांच करवाई तो वह कॉपर निकला। जांच एजेंसियां इसकी पड़ताल कर रही हैं। हालांकि जिया किसी भी धोखाधड़ी से इनकार कर रहे हैं।