सीएम भूपेश बघेल ने बास्तानार अंचल को दी करोड़ों रुपए की सौगात
कहा- वनाधिकार पत्र देने में हम पूरे देश में अग्रणी

रायुपर: आज का दिन बस्तर के लिए ऐतिहासिक रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर जिला प्रवास के दौरान बास्तानार में लगभग 156 करोड़ 46 लाख रूपए की लागत वाले 51 विकास एवं निमार्ण कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री बघेल ने 25 जनवरी को बड़ेकिलेपाल में आयोजित आमसभा में लगभग 44 करोड़ 52 लाख रुपए की लागत वाले 10 विकास कार्यों का लोकार्पण और लगभग 111 करोड़ 93 लाख रुपए की लागत वाले 41 विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों सहित युवोदय के वालेंटियर्स तथा सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सामग्री एवं अनुदान सहायता के चेक वितरित किए गए। इस अवसर पर जिले में युवोदय के वालेंटियर्स की विभिन्न गतिविधियों पर आधारित स्मारिका ’’बदलाव संग युवा’’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्राम कुकानार में मिनी स्टेडियम, बड़ेकिलेपाल नवीन हाई स्कूल भवन, कोड़नाली मार्ग में 8 किलोमीटर की डामरीकृत सड़क निर्माण करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तामड़ा घुमर, मेंदरी घुमर में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक करोड़ रूपए की स्वीकृति दी। इसके साथ ही वनोपज संग्राहकों को वनोपज की उचित मूल्य उपलब्ध कराने हेतु लघु वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना के अलावा बास्तानार, दरभा एवं चित्रकोट में विश्राम भवन निर्माण, उसरीबेड़ा में नवीन इंडोर स्टेडियम निर्माण, ग्राम गढ़िया में पचास-पचास सीटर प्री मैट्रिक बालक एवं बालिका छात्रावास भवन का निर्माण, मटकोट से आरापुर पहंुच मार्ग निर्माण, वाहनपुर से कोटगाली तक डामरीकृत सड़क निर्माण, पटेलपारा सांवगेल से कोलेंग तक डामरीकृत सड़क निर्माण, हर्राकोडेर में नवीन हाईस्कूल निर्माण एवं शासकीय महाविद्यालय तोकापाल में बाऊण्ड्रीवाल निर्माण करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने लोगों को सर्वप्रथम नववर्ष एवं राष्ट्रीय मतदाता दिवस की बधाई दी एवं गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन हर नागरिकों को उसकी शक्ति एवं राष्ट्र निर्माण में उसकी भागीदारी की याद दिलाता है। बस्तर के लोगों मे आज के दिन का महत्व बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि बस्तर के लोगांे को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए अभी और अधिक जागरूक होना होगा। पिछले दो वर्षों में हमने लगतार कार्य किया है, सभी को उनका हक मिले, सभी को न्याय मिले, यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इसके बगैर बस्तर में शांति और विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। वनवासी क्षेत्र में हमने वनाधिकार पत्र दिया। सबसे ज्यादा वनाधिकार पत्र देने में हम पूरे देश मंे अग्रणी हैं। हमने व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार पत्र सहित सामुदायिक वन संसाधन पत्र भी दिया है। जिससे वनवासियों को वनों पर अधिकार, वनोपज पर मालिकाना हक मिला है और वन क्षेत्रों के विकास, संरक्षण एवं संवर्धन में उनकी भागीदारी बढ़ी है।