सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक शुरू, नाराज चल रहे नेता भी शामिल
सोनिया के आवास 10 जनपथ पर चल रही इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक चल रही है, जिसमें कई ऐसे नेता शामिल हैं जिन्होंने सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर पहले पत्र लिखा था.पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एके एंटनी, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, पी चिदंबरम, कमलनाथ और हरीश रावत की मौजूदगी में पत्र लिखने वाले नेताओं की सोनिया की मुलाकात हो रही है.
सोनिया के आवास 10 जनपथ पर चल रही इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हैं. ये नेता पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है. कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले भी सोनिया से मुलाकात की थी.
Delhi: Congress leaders Ashok Gehlot, Ghulam Nabi Azad, Anand Sharma, BS Hooda, Ambika Soni and P Chidambaram arrive at 10, Janpath for a meeting with party's Interim President Sonia Gandhi pic.twitter.com/XMVssANfiE
— ANI (@ANI) December 19, 2020
सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है. इस बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के 99.99 फीसदी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की भावना है कि राहुल गांधी एक बार फिर से पार्टी का नेतृत्व करें. उन्होंने कहा कि सोनिया के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान संगठन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.
23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा था पत्र
उल्लेखनीय है कि गत अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी. इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की.
बिहार चुनाव के बाद भी पार्टी के नेतृत्व पर उठी थी आवाज
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद वे फिर से कांग्रेस के कई नेताओं के निशाने पर आ गए.