लोकतंत्र ”नाजुक” है, सच्चाई की रक्षा करना हर अमेरिकी नागरिक का दायित्व: जो बाइडन
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बरी किये जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा

वाशिंगटन: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कैपिलट (संसद भवन) में छह जनवरी को हुई हिंसा मामले में बरी किए जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हमारे इतिहास का दु:खद अध्याय हमें याद दिलाता है कि लोकतंत्र नाजुक है, इसकी हमेशा रक्षा की जानी चाहिए, हमें सतर्क रहना चाहिए, हिंसा एवं कट्टरवाद की अमेरिका में कोई जगह नहीं है और सच का बचाव करना एवं झूठ को हराना अमेरिकी, खासकर नेताओं के तौर पर हम सबकी जिम्मेदारी है।
ट्रंप पर लगे आरोप सही अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ दोनों दलों द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद सीनेट में मतदान हुआ। भले ही अंतिम मतदान में उनका दोष सिद्ध नहीं हुआ हो, लेकिन इस बात पर कोई विवाद नहीं है, उन पर लगे आरोप सही थे।”
बाइडन ने कहा कि सीनेट में अल्पमत के नेता मैक्कोनल समेत दोषसिद्धि का विरोध करने वाले नेताओं का भी मानना है कि ट्रंप ”कर्तव्य का अपमानजनक तरीके से त्याग” करने के दोषी हैं और कैपिटल में हुई हिंसा को भड़काने के लिए व्यावहारिक एवं नैतिक रूप से जिम्मेदार हैं।
महाभियोग से दूसरी बार बरी हुए ट्रंप अमेरिका की सीनेट देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर पाई और इसी के साथ ट्रंप को शनिवार को बरी कर दिया गया।
ट्रंप के खिलाफ चार दिन चली सुनवाई के बाद 100 सदस्यीय सीनेट ने महाभियोग के पक्ष में 57 मत और इसके विरोध में 43 मत डाले। ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए 10 और मतों की आवश्यकता थी। ट्रंप पर आरोप था कि अमेरिकी कैपिटल में छह जनवरी को उनके समर्थकों ने जो हिंसा की थी, उसे उन्होंने भड़काया था।
रिपब्लिकन पार्टी के सात सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के समर्थन में मतदान किया, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए आवश्यक 67 मत हासिल नहीं कर पाई। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं।