धर्म चक्र दिवस : बौद्ध धर्म ने अहिंसा और शांति का दिया संदेश-PM मोदी
हिंदू धर्म में आज का दिन गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने का होता है

नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज आषाढ़ पूर्णिमा/गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के उपदेशों और उनके द्वारा दिखाए गए अष्टमार्ग पर चलने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि दुनिया आज असाधारण चुनौतियों से लड़ रही है और इसका समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से मिल सकता है।
संस्कृति मंत्रालय की देखरेख में आज यानी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, धर्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मनाएगा. आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था. इसी मौके पर पूरी दुनिया के बौद्ध हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं. वहीं हिंदू धर्म में आज का दिन गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने का होता है और इसे‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है.
I want to convey my greetings to all on the occasion of Ashadha Poornima today. It is also known as Guru Purnima.
This is a day to remember our Gurus, who gave us knowledge. In that spirit, we pay homage to
Lord Buddha: PM Narendra Modi pic.twitter.com/0MB8JtzSPC— ANI (@ANI) July 4, 2020
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने सुबह 9 बजे के करीब राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन किया. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आयोजित धर्म चक्र दिवस समारोह को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वीडियो के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है. लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर रखना, महिलाओं को आदर देना. शांति और अहिंसा का आदर करना. इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है.
उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध ने सारनाथ में दिए अपने पहले उपदेश में और बाद के दिनों में भी दो चीजों को लेकर बात की, आशा और उद्देश्य. उन्होंनो इन दोनों के बीच मजबूत लिंक देखा. क्योंकि आशा से ही उद्देश्य पैदा होता है.
भारत के पास सबसे बड़ा स्टार्ट अप ईको-सिस्टम
पीएम ने कहा कि तेज तर्रार युवा मन वैश्विक समस्याओं का हल लेकर आ रहा है. भारत के पास सबसे बड़ा स्टार्ट अप ईको-सिस्टम है. मैं अपने युवा दोस्तो से भी अपील करूंगा कि वो बुद्ध के विचारों से जुड़ें. वे खुद भी उनसे मोटिवेट हों और दूसरों को भी आगे का रास्ता दिखाएं.
आज विश्व मुश्किल हालातों का सामना कर रहा है. इन सभी चुनौतियों का समाधान गौतम बुद्ध के विचारों से किया जा सकता है. ये पहले भी प्रसांगिक थे. अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे
इस अवसर पर मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन भी पढ़ा जाएगा और मंगोलिया में सदियों से संरक्षित भारतीय मूल की एक बहुमूल्य बौद्ध पांडुलिपि भारत के माननीय राष्ट्रपति को भेंट की जाएगी.