
बिलासपुर: रेलवे क्षेत्र में स्थित खेल मैदानों में प्रवेश शुल्क लिए जाने के फैसले पर रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य और पूर्व पार्षद वी रामाराव ने आपत्ति जताई है। इसे लेकर उन्होंने रेलवे जीएम और डीआरएम से इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग भी की है।
उन्होंने कहा कि रेलवे की हठधर्मिता बढ़ते जा रही है। रेलवे क्षेत्र में नार्थ इंस्टीट्यूट मैदान के अलावा सेकरसा और कई खेल मैदान हंै। रेलवे कर्मचारियों के साथ आम नागरिक भी इन मैदानों का उपयोग मार्निंग वाक से लेकर खेल प्रशिक्षण के लिए करते थे, लेकिन अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के स्पोर्ट्स आफिसर ने नया आदेश जारी करते हुए यहां के सभी 11 खेल मैदान में प्रवेश के लिए शुल्क का निर्धारण कर दिया है।
इसके लिए तीन कैटेगरी तय किए गए हैं। शुल्क हर महीने, अर्धवार्षिक और वार्षिक जमा किए जाएंगे। इसके लिए 300 से लेकर 10,000 रुपये तक शुल्क निर्धारित किया गया है। रेलवे अपने साधारण कर्मचारियों के मैदान इस्तेमाल करने पर शुल्क ले रहा है। इसमें अधिकारियों को छूट दी गई है। यानी सबसे अधिक वेतन लेने वाले अधिकारी मुफ्त खेल मैदान का उपयोग कर पाएंगे, लेकिन साधारण कर्मचारियों से लेकर स्थानीय नागरिकों को इसके लिए शुल्क देना होगा।