Gold Deposit Scheme: अब 10 ग्राम सोने पर बैंक से मिलेगा ब्याज
सरकार ने गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में किया बदलाव

Gold Deposit Scheme: सरकार ने सोना जमा करने की गोल्ड डिपॉजिट योजना में बदलाव किया है। ऐसे में अब लोग 10 ग्राम गोल्ड बैंक में जमा कर सकते हैं और ब्याज का लाभ उठा पाएंगे। इससे पहले न्यूनतम 30 ग्राम सोना जमा करना जरूरी था। वहीं गोल्ड जमा करने पर बैंक से मिले सर्टिफिकेट को दूसरे को ट्रांसफर या बेच भी सकते हैं। साथ ही मीडियम टर्म और लांग टर्म के लिए जमा किए गए सोने के बदले बैंक अब जमाकर्ता को लोन भी दे सकेंगे।

इस बारे में अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सोने की ईंटें, गहने और सिक्के को ही जीडीएस के रूप में जमा किया जा सकेगा। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में रीवैंप्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (Revamped Gold Deposit Scheme) में संशोधन किया है। इसका मकसद जीडीएस को गोल्ड बांड स्कीम की तरह लोकप्रिय बनाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों से जारी जीडीएस स्कीम के तहत बैंकों में मात्र 20 टन सोना जमा हो पाया, जबकि अनुमान के मुताबिक देश में लगभग 24,000 टन सोना घरों के साथ विभिन्न संस्थानों और लॉकर में बेकार पड़ा है।
जीडीएस के तहत बैंकों में एक निश्चित समय के लिए सोना जमा करने पर बैंक सरकार की तरफ से एक निश्चित राशि ब्याज के रूप में जमाकर्ता को देता है। कुछ माह पहले इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए वित्त मंत्रालय के वित्तीय कार्य विभाग (डीईए) ने जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन से बातचीत भी की थी।
ज्वैलर्स सोना कलेक्शन सेंटर के रूप में भी काम करेंगे
नए नियम के मुताबिक ज्वैलर्स बैंक के एजेंट के रूप में काम करेंगे। जिन पर गोल्ड की जांच-परख करने की जिम्मेदारी होगी। बैंक में सोने को जमा करने से पहले उसकी शुद्धता के लिए ज्वैलर्स से सर्टिफिकेट लेना होगा। ज्वैलर्स सोना कलेक्शन सेंटर के रूप में भी काम करेंगे। इस काम के बदले बैंक उन्हें शुल्क का भुगतान करेगा। इस बारे में इंडियन बैंक एसोसिएशन (आइबीए) की तरफ से जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
पोर्टल और एप की जिम्मेदारी एसबीआई के पास
भारतीय स्टेट बैंक जीडीएस के लिए पोर्टल और एप विकसित करने का काम कर रहा है। जिसके माध्यम से जमाकर्ता जीडीएस की तमाम प्रक्रियाएं पूरी कर पाएंगे। स्कीम के डिजिटल प्लेटफार्म को विकसित करने के लिए मंत्रालय एसबीआई को अनुदान देगा। इस प्लेटफार्म की देखरेख व अन्य सभी जिम्मेदारी बैंक की होगी।