
नई दिल्ली:ICICI बैंक को चालू वित्त वर्ष 2020-2021 की तीसरी तिमाही में 4940 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंक को 4,147 करोड़ का मुनाफा हुआ था.
आईसीआईसीआई बैंक (का दिसंबर, 2020 में खत्म चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (Q3) का इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट 17.73 प्रतिशत बढ़कर 5,498.15 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 4,670.10 करोड़ रुपये रहा था.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, एकल आधार पर तिमाही के दौरान देश के प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने 4,939.59 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 4,146.46 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट से 19.12 प्रतिशत अधिक है.
बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन
खबर के मुताबिक, घरेलू एडवांस में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी से बैंक की मूल शुद्ध ब्याज इनकम 16 प्रतिशत बढ़कर 9,912 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.67 प्रतिशत रहा, जो इससे पिछली तिमाही में 3.57 प्रतिशत और इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 3.77 प्रतिशत रहा था. तिमाही के दौरान बैंक की गैर-ब्याज आय (ट्रेजरी इनकम को छोड़कर) 4,043 करोड़ रुपये से घटकर 3,921 करोड़ रुपये रही.
बैंक का कुल इनकम
बैंक ने बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल इनकम बढ़कर 24,416 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले साल की समान अवधि में 23,638 करोड़ रुपये रही थी. समीक्षाधीन अवधि में बैंक का कुल खर्च घटकर 15,596 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले 16,089 करोड़ रुपये रहा था.
एनपीए का लेटेस्ट डेटा बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) का रेशियो 4.38 प्रतिशत रहा. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से बैंकों को लोन की किस्त का भुगतान नहीं करने वाले खातों को एनपीए के तौर पर वर्गीकृत नहीं करने का निर्देश दिया था. अगर ऐसा नहीं होता तो बैंक का सकल एनपीए अनुपात 5.42 प्रतिशत बैठता. बैंक ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं होता, तो 8,280 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां एनपीए बन जातीं.
बैंक के कार्यकारी निदेशक संदीप बत्रा ने कहा कि दिसंबर तिमाही में बैंक का कुल प्रावधान बढ़कर 2,741 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 2,083 करोड़ रुपये रहा था. 31 दिसंबर, 2020 के आखिर तक बैंक का कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात 18.04 प्रतिशत था. बत्रा ने कहा कि यह दबाव उम्मीद के मुताबिक है और बैंक ने इसके लिए उचित प्रावधान किया है.