कोरोना के भयानक समय में छात्रों को परीक्षा देने में करना पड़ रहा कठिनाइयों का सामना
ब्युरो चीफ : विपुल मिश्रा

बिलासपुर: इस कोरोना के भयानक समय मे छात्रो को परीक्षा देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया जब एम ए पूर्व समाजशास्त्र (स्वाध्यायी) में अचानक ही परीक्षा प्रणाली बदल दी गयी पहले 10 प्रश्नों में 5 प्रश्नों को हल करना पड़ता था लेकिन प्रश्न पत्र में यह लिखा हुआ है कि सभी प्रश्नों को हल करना अनिवार्य, सभी मे समान अंक है।
परन्तु जो छात्र स्वाध्यायी है पं माधव राव सप्रे कॉलेज के उन्होंने प्राचार्य से बात करनी चाही किन्तु छात्रों के प्रति रवैया उदासीन था छात्रों ने जब प्राचार्य से फ़ोन कर अपनी समस्या बतायी तो प्राचार्य ने विश्वविद्यालय में बात किये बिना ही छात्रों को यह कह दिया कि उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा कोई दिशा निर्देश नही मिला है।
छात्रों के द्वारा जब विश्वविद्यालय में फ़ोन कर जानकारी लेनी चाही तो परीक्षा प्रभारी का फ़ोन कवरेज छेत्र के बाहर होने के बाद बात नही हो पायी। उसके बाद परीक्षा नियंत्रक ने फ़ोन ही नही उठाया। छात्रों को परीक्षा के शुरु होने के बाद 2घण्टे तक कोई दिशा निर्देश नही दिया गया।
छात्रो में असमंजस्य होने के कारण दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है कि छात्र सभी 10 प्रश्नों का उत्तर लिखे या फिर पुराने प्रणाली के आधार पर 5प्रश्न के ही उत्तर दे।
जबकि दुसरो महाविद्यालय में 10:30 बजे ही बता दिया गया था कि छात्रों को 5प्रश्न के ही उत्तर देना है।
कोरोना के भयावह काल मे छात्रों की समस्या का हल करना कॉलेज के प्राचार्य एव प्राध्यापको की नैतिक जिम्मेदारी है। जिससे से भी वो भाग रहे है।