कालाबाजारियों ने गुड़ाखू, सिगरेट, गुटखा का थोक में किया स्टाफ
पिछले दिनों राजधानी रायपुर में कई प्रतिबंधित नशीले पदार्थ और ड्रग्स के बिकने की सूचना सामने आई है।

रायपुर। राजधानी में आज शाम से लॉकडाउन की शुरुआत होने जा रहा है और बाजार में नशे के सामानों का थोक व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है। रायपुर में गुटखा पर प्रतिबंध लगा है, गुटखा बेचना दंडनीय अपराध है बावजूद इसके खुलेआम शहर के गली मोहल्ले चौक-चौराहों और सभी प्रमुख स्थलों पर गुटखा खुलेआम बिक रहा है। बिक्री का तरीका जरूर बदल गया है। पहले गुटखा-तंबाकू युक्त होता था, लेकिन अब पान-मसाले की आड़ में अलग से तंबाकू के साथ बेचा जा रहा है। आलम यह है कि बच्चों में भी गुटखे की लत बढ़ती जा रही है, बावजूद इसके इसे रोकने के लिए संबंधित विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। खुलेआम तंबाकू बिक रहा है, नशे का सामान बिक रहा है। पिछले दिनों राजधानी रायपुर में कई प्रतिबंधित नशीले पदार्थ और ड्रग्स के बिकने की सूचना सामने आई है।
आज नशे की वजह से सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी और बच्चे बर्बाद हो रहे हैं, तंबाकू की वजह से जहां एक और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है आने वाली पीढ़ी भी इससे प्रभावित हो रही है। कानून का पालन न होने के कारण अवैध कारोबार चल रहा है। यही वजह है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है।
प्रतिबंध के बाद दुकानों में तंबाकू युक्त गुटखे खुले में बिक रहे हैं. पान-मसाला के साथ तंबाकू की पुडिय़ा चुपके से अलग से दी जाती है। गुटका कंपनियां यह तंबाकू ग्राहकों को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं इस वजह से लोग गुटखे की लत से दूर नहीं हो पा रहे है।
जानकारी के मुताबिक सौ रूपए पुड़े में बिकने वाला गुटखा, डेढ़ सौ रुपए तक बिकने वाले पान मसालों और सिगरेट जैसे नशीली चीजों के दाम में भी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि रायपुर के गोलबाज़ार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में ही थोक विक्रेता इन सामानों को दोगुना से तिगुने दामों में बेच रहे हैं। गुटखा के आदतों में जकड़े लोग तीन गुने ज्यादा दामों में भी खरीदते हैं। जिसकी वजह से अवैध कारोबारी अपना क्षेत्र फैलाते जाते हैं।