कटघोरा : गोंगपा का DFO के खिलाफ जोरदार आक्रोश,नारो की गूंज के साथ वनमण्डल दफ्तर का किया घेराव
वनमंडलाधिकारी को हटाने की एक सूत्रीय मांग के साथ किया धरना प्रदर्शन

अरविन्द
कटघोरा clipper 28: वनमंडलाधिकारी कटघोरा के सवालिया कार्यशैली को लेकर आज गोंडवाना गणतंत्र पार्टी नेताओं ने वनमंडल कार्यालय का घेराव किया. बड़ी संख्या में दफ्तर पहुंचे गोंगपा नेताओ ने सभा करते हुए मुख्यमंत्री एयर डीएफओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. करीब तीन घंटे तक चले इस धरने के बाद प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार रोहित सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए मांगो पर जल्द कार्रवाई की अपील की. शासन-प्रशासन को चेतावनी देते हुए गोंगपा नेताओ ने 14 जनवरी तक डीएफओ के तबादला सुनिश्चित करने को कहा है. कार्रवाई के अभाव में वे जिलेभर में चक्काजाम करते हुए उग्र आंदोलन के लिए बाधित होंगे.
गोंगपा के सम्भागीय नेता लाल बहादुर सिंह कोर्राम ने मीडिया को बताया
गोंगपा के सम्भागीय नेता लाल बहादुर सिंह कोर्राम ने मीडिया को बताया कि कटघोरा डीएफओ जो कि एक मंत्री की रिश्तेदार भी है उसकी सह पर वनमण्डल के सभी परिक्षेत्रों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इनके विवादित कार्यशैली का कच्चा चिट्ठा हरदिन मीडिया में उजागर हो रहा है. जंगलो की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जिसकी शिकायत की दफे शासन के मंत्री से लेकर प्रशासन के अफसरों को किया जा चुका है बावजूद किसी के कान में जू नही रेंग रहा. इससे साबित होता है अनियमितता और गड़बड़ी के इस खेल में पूरे तंत्र की हिस्सेदारी है.
धरना प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में गोंगपा के नेता और मूलनिवासी महिलाओं ने हिस्सा लिया. किसी भी अप्रिय स्थिति की आशंका को देखते हुए प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. वनमण्डल के कर्मियों ने भी मुख्यद्वार पर ताला जड़ दिया था ताकि प्रदर्शनकारी भीतर न आ सके. करीब तीन घण्टे के आंदोलन और नारेबाजी के बाद तहसीलदार व नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया.
इस पूरे प्रदर्शन में गोंगपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप मरावी, जिला पंचायत सदस्य रायसिंह मरकाम, जनपद अध्यक्ष पोंड़ी-उपरोड़ा संतोषी पेन्द्रों, मीडिया प्रभारी लाल बहादुर कोर्राम, प्रदेश महामंत्री शरद देवांगन, जिलाध्यक्ष सुरेश पोर्ते, गणेश मरपच्ची, शिवराम मार्को, उमेश आर्मो, संतराम, जयप्रकाश मरावी, पुरुषोत्तम टेकाम, चंद्रभान टेकाम, जगत नेताम, वीरेंद्र कोराम, सुधार सिंह मरावी, चमरा सिंह, शिव सिंह, दिलेश्वरी आयाम, देव सिंह, धन सिंह, मान सिंह, मोहनलाल एवं बड़ी संख्या में हाथी प्रभावित किसान मौजूद थे.