उत्तर प्रदेश
यूपी में अब डॉक्टर लगाएंगे अस्पतालों की बोली!

योगी सरकार काफी कोशिश के बाद भी यूपी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी की चुनौती से जूझ रही है. सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी.
करीब 1000 डॉक्टरों को वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से ज्वाइन कराने की कोशिश की. यही नहीं स्पेशललिस्ट डॉक्टरों के लिए उन्हें 30 फीसदी अतिरिक्त भत्ता देने की बात कही लेकिन फिर भी डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं हो सकी.
अब योगी सरकार ने कॉर्पोरेट सेक्टर की तरह आक्रामक ढंग से बड़े पैकेजों पर डॉक्टरों को तैनात करने की योजना बनाई है.
दरअसल इंयिन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड यानी आईपीएचएस के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल 27 हजार 686 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है. वहीं सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टरों की बात करें तो ये संख्या 8 हजार 872 है. वहीं वर्तमान स्थिति ये है कि स्वास्थ्य विभाग में इस समय सिर्फ 3200 विशेषज्ञ डॉक्टर ही मौजूद हैं.
एनएचएम निदेशक के अनुसार अस्पतालों में डॉक्टरों की भर्ती बिडिंग मॉडल पर करने की योजना है. केंद्र से इसके लिए अनुमति मिल चुकी है. जल्द ही प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में मीटिंग होनी है, इसमें फैसला हो सकता है.
क्या है बिडिंग मॉडल
दरअसल योगी सरकार ने पिछले दिनों कर्नाटक सरकार के बिडिंग मॉडल का अध्ययन किया. इसमें पैकेज देकर डॉक्टरों की भर्ती की जाती है.
अब एनएचएम के तहत प्रदेश के हर सरकारी अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आॅनलाइन बिडिंग करने होगी. इसके लिए हर अस्पताल और सीएचसी के लिए इच्छुक डॉक्टर उसी के लि आवेदन करेंगे. उन्हें बताना होगा कि वह साल भर का कितना पैकेज लेंगे. इसके बाद पैकेज सही लगने पर सरकार डॉक्टरों को तैनाती देगी.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं रहने दी जाएगी. हम इसके लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा 2065 चिकित्सकों का चयन किया गया है. इन चयनित चिकित्सकों की तैनाती जल्द ही अस्पतालों में होगी.




