
रायपुर। किसानों के आत्महत्या के मामले में सदन में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने किसानों की आत्महत्या के मामले लाए गए स्थगन प्रस्ताव की ग्राहयता पर कहा कि दुर्ग जिले, जहां से 5-5 मंत्री है वहां से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस सरकार के चलते किसान के आत्महत्या से परिवार में कलह हो रही है।
कोंडागांव जिले के किसान धनीराम साहू को लेकर कहा कि किसान ने इसलिए आत्महत्या की क्योंकि उसका रकबा कम किया गया, तहसीलदार किसानों के आवेदन जला रहे हैं। एक मंत्री किसानों के लिए अनशन पर बैठ जाता है। सरकार ये सारे जतन इसलिए कर रही है ताकि किसानों का कम से कम धान खरीदा जाए।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मृतक के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण बात नहीं करनी चाहिए। आपके अधिकारी आपकी बात नहीं सुन रहे हैं। धान छत्तीसगढ़ की आत्मा है, किसानों को 25 लाख रु. का मुआवजा देना चाहिए। जिन अधिकारियों की गलती है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं विपक्ष ने ग्राहयता की चर्चा का बहिष्कार कर दिया। जिसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जोरदार हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई 3 बजे तक स्थगित कर दी गई।
हंगामे के दौरान JCCJ के धर्मजीत सिंह ने इस मुद्दे पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। धर्मजीत ने कहा कि टोकन के किए किसानों को रतजगा करना पड़ा था इसकी सम्मानजनक व्यवस्था करनी थी। बारदाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी आपकी है केंद्र को दोष नहीं दे सकते।