5 माह में 13 हज़ार से अधिक मरीज स्वास्थ्य, कारण परिवार की ताकत और तनावमुक्त
ब्यूरो चीफ : विपुल मिश्रा संवाददाता : मनिषा त्रिपाठी

बिलासपुर: होम एसोसिएशन कोरोना के इलाज में सबसे कारगर दवा साबित हो रही है। लोग अस्पतालों में भर्ती हुए बिना ही कोरोना संक्रमण को मात दे रहे हैं बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 5 महीने में 13184 यानी 78 फ़ीसदी लोगों ने घर पर कोरोना को हराया।
इधर 9 माह में अस्पतालों में ठीक होने वालों की संख्या 3754 यानी 22 फ़ीसदी है। होम आइसोलेशन के प्रभारी डॉ समीर तिवारी का कहना है कि बिलासपुर में 2 अगस्त से होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू हुई थी। अब तक जिले के 13944 लोगों ने घर पर इलाज कराने की सुविधा को चुना रविवार तक 13184 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके है।
754 रोगियों का वर्तमान में घर पर इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि घर पर ठीक होने का सबसे बड़ा कारण है कि मरीज तनाव मुक्त रहता है उसे अकेलापन बिल्कुल भी महसूस नहीं होता। हंसते बोलते वह इस बीमारी से कब ठीक हो जाता है पता ही नहीं चलता।
दूसरा कारण है कि हमारी टीम लगातार मरीजों का मनोबल बढ़ाती है ताकि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो। जबकि अस्पताल में मरीजों को एक कमरे में रख दिया जाता है। यहां वे कोरोना से ज्यादा अकेलेपन से बीमार हो जाते हैं। तनाव बढ़ाने से ज्यादातर मरीजों की हालत बिगड़ती है और भी गंभीर हो जाते हैं।
इसलिए उन्हें ठीक होने में समय लग जाता है। इधर सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन का कहना है कि घर पर मरीजों के ठीक होने का सबसे बड़ा कारण है परिवार की ताकत और अकेलापन बिल्कुल भी महसूस नहीं करना इसी कारण मरीज घर सादा ठीक हो रहे हैं। अस्पतालों में घर की तरफ सुविधा नहीं मिलती इसलिए लोग घर पर इलाज कराना पसंद करते हैं इनकी देखरेख में हमारे 18 डॉक्टर सहित 35 स्वास्थ्य कर्मी जुटे हैं।