लॉकडाउन हटाने को लेकर अभी कोई गारंटी नहीं :प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन
अस्पतालों में कहीं अधिक संख्या में संक्रमित मरीज भर्ती

लंदन:ब्रिटेन में अप्रैल 2020 में कोविड-19 महामारी के चरम पर रहने की तुलना में अब भी अस्पतालों में कहीं अधिक संख्या में संक्रमित मरीज भर्ती हैं. वहीँ लॉकडाउन को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लोगों से कहा है कि वह लॉकडाउन हटाने को लेकर अभी कोई गारंटी नहीं दे सकते हैं.
जॉनसन ने सरकार द्वारा खतरे के सबसे करीब लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक के रूप में 1.5 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लक्ष्य को इस हफ्ते पूरा करने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल हर किसी की सराहना की.
उन्होंने इस अभूतपूर्व राष्ट्रीय उपलब्धि की सराहना की लेकिन कहा कि अभी आराम से बैठने का वक्त नहीं आया है. जॉनसन ने कहा कि अगले हफ्ते हम लॉकडाउन से बाहर निकलने का खाका पेश करेंगे हालांकि कुछ चीजें बहुत ही अनिश्चित हैं. उन्होंने अनलॉक योजना के लिए पूर्व निधार्रित 22 फरवरी की तारीख का जिक्र करते हुए इसकी जानकारी दी.
लॉकडाउन हटाने की गारंटी नहीं
बोरिस जॉनसन ने कहा कि चूंकि हम चाहते हैं कि यह लॉकडाउन आखिरी हो और हम सावधानी के साथ आगे बढ़ें. इसलिए कृपया घरों के अंदर ही रहें और जीवन की रक्षा करें. प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि पाबंदियों में ढील देने को लेकर वह आशावादी हैं लेकिन मौजूदा लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाए जाने के बारे में वह गारंटी नहीं दे सकते हैं.
सरकार लॉकडाउन की पाबंदियां हटाने के पहले कदम के तौर पर आठ मार्च से स्कूलों को फिर से खोलना शुरू करने की उम्मीद कर रही है. ब्रिटेन में सोमवार को कोविड-19 के 9,765 नए मामले सामने आए. पिछले साल दो अक्टूबर के बाद से पहली बार संक्रमण का प्रति दिन का का आंकड़ा 10,000 से नीचे आया है.
ब्रिटेन में सबसे पहले सामने आया नया वैरिएंट
बता दें कि ब्रिटेन ने ही सबसे पहले फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. ब्रिटेन ने ही पिछले साल सबसे पहले टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. पिछले दिसंबर में ही कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि सबसे पहले ब्रिटेन ने ही की थी, जिसके बाद मामलों की संख्या बढ़ने लगी और मौत के आंकड़े में उछाल आ गया.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी. ब्रिटेन अपने यात्रा प्रतिबंधों को भी सख्त कर चुका है. नए नियमों के तहत हाई रिस्क वाले ‘रेड लिस्ट’ देशों से ब्रिटेन की यात्रा करने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से पहले आइसोलेशन नें रहना होगा. नियमों को तोड़ने पर 10 हजार पाउंड का जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है.33