अब आसमान की अनंत गहराइयों में भी गूंजेगा भगवद गीता का संदेश, जाने कैसे
पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर खुदी होगी एक सैटेलाइट पर

नई दिल्ली:इसरो का पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी51) 28 फरवरी को चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लांच पैड से 19 सैटेलाइट के अलावा भगवद गीता की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रति अपने साथ लेकर उड़ान भरेगा।
पीएसएलवी के साथ जहां प्राइमरी सैटेलाइट के तौर पर ब्राजील की अमेजोनिया-1 मौजूद होगी, वहीं 18 अन्य छोटी सैटेलाइट भी इस उड़ान में रॉकेट के साथ मौजूद रहेंगी।करीब 637 किलोग्राम वजन की अमेजोनिया-1 पृथ्वी पर नजर रखने वाली सैटेलाइट है, जबकि 18 अन्य सैटेलाइट में से तीन सैटेलाइट इन-स्पेस (केंद्रीय विज्ञान विभाग के तहत स्वतंत्र एजेंसी) की हैं, जबकि एक सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया ने बनाई है।
शेष 14 सैटेलाइट एनएसआईएल की हैं।सतीश धवन सैटेलाइट में ही स्पेस किड्ज इंडिया ने एक एसडी कार्ड में भगवद गीता की इलेक्ट्रॉनिक प्रति को अंतरिक्ष में भेजने के लिए सुरक्षित किया है। इसरो के मुताबिक, इन सैटेलाइटों को पीएसएलवी-सी51 के दो सॉलिड बूस्टर वाले ‘डीएल’ संस्करण से भेजा जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर खुदी होगी एक सैटेलाइट पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी आसमानी ऊंचाइयों में पृथ्वी के चक्कर लगाएगी। दरअसल स्पेस किड्ज इंडिया ने अपने सतीश धवन सैटेलाइट के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री की तस्वीर उकेरी है।
स्पेस किड्ज इंडिय की वेबसाइट के मुताबिक, यह कदम पीएम की आत्मनिर्भर पहल और निजी कंपनियों के अंतरिक्ष की राह खोलने वाले निर्णय से एकजुटता दिखाने के लिए उठाया जा रहा है। इस सैटेलाइट के जरिये स्पेस किड्ज इंडिया अंतरिक्ष में रेडिएशन पर शोध करेगा।
दो सैटेलाइट को हटाया गया भारतीय स्पेस स्टार्टअप पिक्सल की पहली सैटेलाइट ‘आनंद’ और इसरो की नैनो सैटेलाइट ‘आईएनएस-2डीटी’ को तकनीकी खामियों व सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याओं के कारण इस मिशन से हटाना पड़ा है। एनएसआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक जी. नारायणन ने इसकी पुष्टि की है।