किसान-मजदूर एकता महारैली में उमड़ी भीड़, किसान नेता हुए गदगद
किसानों ने 27 फरवरी को दिल्ली बॉर्डर पर कूच करने का किया एलान

नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि प्रधानमंत्री समझ रहे हैं कि पंजाब के किसानों का आंदोलन ठंडा पड़ गया है और किसान अब पहले की तरह उग्र नहीं हैं। तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 27 फरवरी को किसानों के तेवर का पता चल जाएगा। दिल्ली बॉर्डर पर जबरदस्त तरीके से किसान मजदूर एकता दिवस मनाया जाएगा। 27 फरवरी को दिल्ली बॉर्डर पर कूच करने का एलान किया है।
जोगिंदर सिंह ने कहा कि महारैली में फैसला लिया गया है कि इस बार किसान महिलाएं 8 मार्च को दिल्ली बॉर्डर पर ही महिला दिवस मनाएंगी और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल बजाएंगी। उगराहां ने कहा कि किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसानों और मजदूरों की एकता बेहद जरूरी है। सरकार यह बात समझ ही नहीं पा रही है कि इस बार मजदूर और किसान दोनों एक साथ हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ट्रैक्टर परेड के दौरान साजिश कर हिंसा कराई। अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए आंदोलन को अलग दिशा देने का काम किया। लेकिन किसानों की एकता के कारण वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाई। लेकिन केंद्र की दमनकारी नीतियों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने एक बार फिर गति पकड़ ली है। जल्द ही किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र को झुकाने में सफलता प्राप्त करेंगे।
किसान मजदूर एकता रैली का सफल आयोजन कर उगराहां का दबदबा बढ़ गया है। टीकरी बॉर्डर पर अभी तक सर्वाधिक भीड़ संयुक्त किसान मोर्चा के बेनर तले होती थी, लेकिन मौजूदा समय किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु उगराहां का मंच हो गया है। हालांकि टीकरी बॉर्डर पर किसानों का मानना है कि उनके आंदोलन को जहां से भी ताकत मिले, उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता।