
जयपुर: पेट्रोल के सेंचुरी मारने की जिस बात को लोग कुछ वक्त पहले व्यंग्य के रूप में कहते थे, वह राजस्थान में हकीकत बनकर लोगों को डराने लगा है। राजस्थान में पेट्रोल की कीमतों ने 100 का आंकड़ा पार कर दिया। श्रीगंगानगर में पिछले 4 दिनों से प्रीमियम पेट्रोल 101.54 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि डीजल के दाम भी लगातार बढ़ने के चलते अब माल भाड़ा भी 10 फीसदी तक बढ़ गया है। जिसका असर अब महंगाई पर भी देखने को मिलेगा। इसका बड़ा कारण राजस्थान सरकार का देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीजल पर वैट वसूलने वाला राज्य होना है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान में अपने वाहनों में जिस पेट्रोल व डीजल का इस्तेमाल करते हैं, वह देश में सबसे महंगा हमें ही मिलता है। नतीजा गंगानगर के पेट्रोल पम्पों पर जहां इन दिनों सन्नाटा छाया हुवा है, वहीं राजस्थान के बाकी शहरों के पेट्रोल पम्पों पर गाड़ियों की कुछ कतार तो नज़र आती है लेकिन टंकी भरकर तेल भरवाने की बजाय 50-100 रूपये का तेल भरवाते नज़र आ रहे हैं। इसका कारण पेट्रोल और डीजल के दामों लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते पेट्रोल के दामों का सेंचुरी लगाना है। जी हां, राजस्थान के श्रीगंगानगर में सामान्य पेट्रोल 98.70 रुपए प्रति लीटर और प्रीमियम पेट्रोल 102 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है।
पिछले 4 दिनों से इसी कीमत पर वाहन चालकों को इसका भुगतान भी करना पड़ रहा है। कमोबेश यही हालत राजस्थान के सीमावर्ती इलाके जैसलमेर, बाढ़मेर जैसे इलाकों की भी है। जयपुर में सामान्य पेट्रोल के दाम 93 रूपये 85 पैसे और स्पीड पेट्रोल के दाम 96 रूपये 91 पैसा है वहीं डीजल के दाम 85 रूपये 94 पैसे तक पहुंच चुके हैं। जिस रफ़्तार से इनके दाम बढ़ रहे हैं उससे पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगने के कोई आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। राजस्थान में पेट्रोल और डीजल पर देश में सबसे ज्यादा वैट लगता है।
देश में सबसे ज्यादा दाम पर केवल राजस्थान में ही पेट्रोल और डीजल बिक रहा है क्योंकि यहां पूरे देश के मुकाबले पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 38 फीसदी और डीज़ल पर 28 फीसदी का वैट लगता है। ऊपर से फंड जुटाने के लिए सरकार ने पेट्रोल पर 1.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.75 प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सेस लगाया हुआ है। इसके साथ 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैक्स भी सरचार्ज के रूप में लगा रखा है।
आम लोगों के हितों का धयान रखने की बात कहकर सत्ता में आने वाली राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने पिछले 2 सालों में पेट्रोल पर 12 प्रतिशत और डीजल पर 10 प्रतिशत वैट की बढ़ाकर मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं। पूर्व में भाजपा सरकार के समय पेट्रोल पर 26 और डीजल पर 18 प्रतिशत वैट ही था और उस वक़्त पेट्रोल भाजपा शासन में केवल 71.15 रुपए और डीजल 66.65 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा था। जो की अब बढे वैट और पेट्रोल कंपनियों के मनमाने तरीके से हर रोज बढ़ाए जाने वाले वैट के कारण बेतहाशा बढ़ गया।