कटघोरा वन मण्डल में पौधा रोपण कार्य जोरो पर,सभी रेंजों में किया जा रहा है लाखों मिश्रीत पोधो का रोपण
कटघोरा वनमंडलाधिकारी शमा फारूकी स्वयं फील्ड विजिट कर पौधा रोपण कार्यो का जायजा ले रही है।

अरविन्द
कटघोरा : बरसात का मौसम पौधा रोपण के लिए सर्वश्रेष्ठ व अनुकूल माना गया है।इस मौसम में लगाए जाने वाले पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी भी उपलब्ध हो जाता है और पौधे जल्द ही विकसित हो जाते हैं।इन दिनों कटघोरा वन मण्डल में भी पौधा रोपण का कार्यक्रम जोरो पर चल रहा है जंगलो में मिश्रीत प्रजाति के लाखो पोधो का रोपण किया जा रहा है।कटघोरा वनमंडलाधिकारी शमा फारूकी स्वयं फील्ड विजिट कर पौधा रोपण कार्यो का जायजा ले रही है।
वनपरिक्षेञ जड़गा के परिसर बासीन p 269 में मिश्रीत पौधा रोपण कार्य किया गया है।यहाँ अभी तक बाइस हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है।जड़गा वनपरिक्षेत्राधिकारी एम एस मरकाम भी लगातार पौधा रोपण कार्य को लेकर सघन दौरा कर रहे हैं।इस छेत्र में भी प्लांटेशन कार्य लगातार चल रहे हैं और यहाँ भी सभी प्रकार के मिश्रीत पौधे लगाए जा रहे हैं जिससे पूरा वन छेत्र हरा भरा रहे।
पौधा रोपण कार्यक्रम
पौधा रोपण कार्यक्रम में वन्यप्राणियों के लिए फलदार पौधों के साथ साथ छायादार व ओषधीय पोधो का भी रोपण किया जा रहा है।जंगल मे फलदार वृक्ष लग जाने से उनमें अनेको प्रकार के फल विकसित होने लग जाते हैं जो वन्यप्राणियों के उपयोग हेतु काम आते हैं।इस फलदार वृक्षों के लग जाने से वन्यप्राणियों को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध हो जाता है और वे छायादार वृक्षों की छाया में आराम भी कर लेते हैं।जंगल मे वन्यप्राणियों के लिए खाने की पर्याप्त मात्रा नही होने से वे गाँव व शहर की और रुख कर लेते हैं जिस वजह से कभी कभी भारी जानमाल का नुकसान भी हो जाता है।
जंगल हरे भरे रहने से पूरा छेत्र भी सौन्दर्यता से ढक जाता है पूरा वन मडल इसके हरे भरे वातावरण का आनंद प्राप्त करता है।वन छेत्र के खाली स्थानों पर इस मौसम में लाखों मिश्रीत प्रजाति के पौधों का रोपण किया जा रहा है।