पुलिस अधिकारी प्रभावी और वैज्ञानिक तकनीक से विवेचना करें : डीजीपी
एनडीपीएस मामलों एवं जघन्य अपराधों की विवेचना पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा नारकोटिक ड्रग्स एण्ड साइट्रोपिक सबस्टेन्स (एनडीपीएस) एक्ट के अलावा जघन्य अपराधों की जांच की विवेचना विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी चंदखुरी में 28 और 29 मार्च को किया गया। पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से आए पुलिस प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधिकारियों को एफआईआर में सावधानी बरतते हुए अपने कर्त्तव्यों का सही ढंग से पालन करने, वैज्ञानिक तकनीकी से साक्ष्य एकत्रित करने, केस स्टडी के माध्यम से सशक्त और प्रभावी ढंग से विवेचना करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्किल डेव्हलपमेंट के संबंध में अपने अनुभवों का साझा किया।
कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) अशोक जुनेजा ने एनडीपीएस एक्ट की मुख्य विशेषताएं, नये कानून की आवश्यकता, एक्ट में हुए संशोधन, निषेध नियंत्रण और विनियम से संबंधित विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने विशेष न्यायालय और जमानत का प्रावधान, खोजबीन जब्ती अपराधियों की गिरफ्तारी तथा गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का निपटारा दस्तावेजों की जांच और तैयारी के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई सामान्य त्रुटियों के निराकरण पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यशाला में एनडीपीएस एक्ट के अलावा जघन्य अपराधों की जांच प्रक्रिया एवं सिद्धांत, एफआईआर और अपराध स्थल प्रबंधन का प्रारूपण, जांच और आरोप पत्र की तैयारी में सामान्य दोष, अंधे और जघन्य अपराधों से निपटने में चुनौतियां आदि ज्वलंत विषयों पर उप-पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव, नेहा चंपावत, डॉ. संजीव शुक्ला, एस.सी. द्विवेदी ने भी प्रशिक्षणार्थी पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर चंद्रमोहन सिंह, आईपीएस, पुलिस अकादमी चंदखुरी की पुलिस अधीक्षक डॉ. संगीता पीटर्स सहित अकादमी के सभी अधिकारी उपस्थित थे।>