राजस्थान ने बनाई प्रतिदिन 41 हजार से ज्यादा जांच करने की क्षमता
राजस्थान में रिकवरी रेट हुई 80 प्रतिशत के पार

जयपुर: राजस्थान के 20 जिलों में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा शुरू हो चुकी है, शेष बचे जिलों में भी शीघ्र ही इसकी जांच होने लगेंगी. आज ही 41 हजार जांच प्रतिदिन जांच का लक्ष्य हासिल किया.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जब पहला कोरोना वायरस का मामला सामने आया था, तब कोरोना के सैंपल पुणे की लैब में जांचने के लिए भेजे जाते थे. मुख्यंमत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में आज राज्य ने प्रतिदिन 41 हजार 450 से ज्यादा जांच करने की क्षमता विकसित कर ली है.
उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश 50 हजार से ज्यादा जांच करने की भी क्षमता हासिल कर लेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मुकाबले के लिए सभी इंतजाम कर रखे हैं. कहीं किसी चीज की कोई कमी नहीं है.
डॉ शर्मा ने कहा कि यह सरकार के बेहतर इंतजामों की ही बानगी है कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का रिकवरी रेश्यो 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है. प्रदेश में कुल 19256 केसेज में से 15352 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाए संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर्स और होम क्वारंटाइन के जरिए लोग जल्दी स्वस्थ हो रहे हैं.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि तेजी से जांच की सुविधा बढ़ाने से रिकवरी में फायदा मिला है. उन्होंने बताया कि हाई रिस्क लोगों और बुजुर्गों को हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किया गया, साथ ही उनपर पूरी निगरानी रखी गई.
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक लगभग 9 लाख लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. सरकार का पूरा ध्यान सैंपलिंग पर है ताकि कोरोना का प्रसार न हो सके. उन्होंने कहा कि कोरोना को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने से आने वाली पीढ़ी जागरूक होगी.