
नई दिल्ली:देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली भारत की सबसे वैल्युएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने तेल-से-रसायन (O2C) बिजनेस के लिए एक अलग कंपनी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि रेग्युलेटरी अप्रूवल प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह FY22 की दूसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है।
O2C बिजनेस का पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चरिंग) स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टर्स और विशेष सेक्टर के निवेशकों द्वारा भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगा। आरआईएल ने बस इतना कहा है कि अरामको से डील किए जाने की बातचीत फिलहाल चल रही है।
कंपनी को अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक O2C बिजनेस के लिए आवश्यक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। रिलायंस का उद्देश्य अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और 2035 तक “नेट कार्बन जीरो” बनने के लिए O2C बिजनेस के साथ काम करना है।
कंपनी का जो अभी स्ट्रक्चर होगा उसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज ओटूसी लिमिटेड की 100 पर्सेंट मालिक होगी। इसमें रिफाइनिंग एवं मार्केटिंग और पेट्रोकेमिकल आएंगे। इसके अंडर में रिलायंस बीपी मोबिलिटी होगी। इसकी 51 पर्सेंट हिस्सेदारी ओटूसी के पास होगी। इसमें बीपी के पास 49 पर्सेंट हिस्सेदारी होगी। ओटूसी के ही अंडर में रिलायंस ग्लोबल एनर्जी सर्विसेस सिंगापुर और यूके होगी। इसकी 100 पर्सेंट हिस्सेदारी ओटूसी के पास होगी।
इसी तरह रिलायंस रिटेल वेंचर में 85.1 पर्सेंट हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास होगी। इसी तरह से जियो और ऑयल एंड गैस सेगमेंट होंगे। इसके अलावा एक अन्य सेगमेंट भी होगा। सभी रिफाइनिंग, मार्केटिंग और पेट्रोकेम असेट्स को ओटूसी बिजनेस में ट्रांसफर किया जाएगा।