किसान आंदोलन पर सिद्धू ने किया सरकार पर हमला, कहा- ताज उछाले जाएंगे, तख्त गिराए जाएंगे…
सिद्धू ने अपने चिर परिचित अंदाज में कविता के जरिए किसानों के पक्ष में आवाज उठाई है.

कृषि कानूनों के खिलाफ देश के हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन का आज 11वां दिन है. किसान अपनी मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. सरकार के साथ पांचवें राउंड की भी बैठक बेनतीजा रही. इसके बाद किसानों ने अब 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसानों को विपक्ष का साथ मिल रहा है. साथ ही कई बड़ी हस्तियां भी साथ दे रही हैं. कांग्रेस के नेता पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का नाम भी इसमें शामिल हो गया है. सिद्धू ने अपने चिर परिचित अंदाज में कविता के जरिए किसानों के पक्ष में आवाज उठाई है. हालांकि, उन्होंने बगैर नाम लिए सरकार पर भी निशाना साधा है.
सिद्धू ने ट्वीट किया कि आज भारत के असल बहुसंख्यक अपनी ताकत दिखा रहे हैं. किसान आंदोलन एकता में अनेकता की भावना को तैयार कर रहा है. उन्होंने लिखा कि यह एक असहमति की एक चिंगारी है, जो एक बड़े आंदोलन के जरिए जाति, नस्ल के भेद से ऊपर उठकर देश को एक कर देती है. उन्होंने कहा कि किसानों की दहाड़ पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है. सिद्धू ने किसानों के समर्थन में एक वीडियो जारी करते हुए फैज अहमद फैज (Faiz Ahmed Faiz) की मशहूर नज्म ‘हम देखेंगे’ की कुछ पंक्तियों का इस्तेमाल किया है.
ताज उछाले जाएंगे… तख्त गिराए जाएंगे… धरती धड़-धड़ धड़केगी..
Pre-independence we fought the Monopoly of East India Company. Today, we are fighting the Central Govt. sponsored Ambani/Adani Co., which is conniving to usurp Punjab’s agriculture lands&pocket our non-taxable agricultural income.. running a remote-controlled monopoly from Mumbai pic.twitter.com/yhaRlm8oGD
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 4, 2020
सिद्धू ने कविता में नाम लिए बगैर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ‘दूध को भट्टी पर रखो, तो दूध का उबलना निश्चित है. किसानों में रोष आक्रोश जगा दो तो सरकारों, हुकुमतों, तख्तो ताज उलटना निश्चित है.’ अपनी कविता में सिद्धू ने दिल्ली चलो का नारा भी दिया है. उन्होंने कहा ‘बढ़ते भी चलो, चलते भी चलो, बाजू भी बहुत हैं सर भी बहुत. चलते ही चलो चलते ही चलो कि अब डेरे दिल्ली में डाले जाएंगे.’