सुकमा : बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जारी किए निर्देश
सीमावर्ती से बैकयार्ड, व्यावसायिक पोल्ट्री का परिवहन प्रतिबंधित

सुकमा 07 जनवरी 2021 : कोरोना महामारी के बीच देश के कुछ राज्यों में एवियन इन्फ्लूऐन्जा (बर्ड फ्लू) का खतरा भी देखा जा रहा है। बर्ड फ्लू अति संक्रामक रोग है जिसे फाउल प्लेग भी कहा जाता है, जिसे ध्यान में रखते हुए पशु चिकित्सा विभाग जिला सुकमा ने बर्ड फ्लू के फैलाव के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है।
कार्यालय उप संचालक पशुचिकित्सा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार पक्षियों में किसी भी प्रकार के असामान्य, बीमारी के लक्षण अथवा पक्षियों के आकस्मिक मृत्यु होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। जिला अन्तर्गत शासकीय, अशासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्रों एवं पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्रों का सर्विलेंस किया जाएगा।
विकारीय सामग्री विक्रय करने वाले बाजार वेट मार्केट, पोल्ट्री मार्केट सप्लाई चेन, बतख पालन वाले क्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाकों पर विशेष निगरानी की जाएगी। अचानक पक्षियों में बड़ी संख्या में मृत्यु होने पर बायो-सेक्युरिटी नियमों का पालन करते हुए मृत पक्षियों का नमूना एकत्र कर जांच किया जाएगा।
बैकयार्ड पोल्ट्री एवं व्यवसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु की सूचना तुरंत निकटतम पशु चिकित्सालय को देने का निर्देश दिया गया है। जिले के शासकीय व निजी पोल्ट्री प्रक्षेत्र, पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्र इत्यादि में जैव सुरक्षा के सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए। बर्ड फ्लू बीमारी की रोकथाम हेतु आवश्यक सतर्कता सावधानियां एवं बीमारी से संबंधित जानकारी से आमजन सहित कुक्कुट पालकों को अवगत कराये जाने हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
निगरानी हेतु जिला स्तरीय एवं विकासखण्ड स्तरीय टीम गठित
कलेक्टर विनीत नन्दनवार के निर्देशानुसार जिले में बर्डफ्लू के फैलाव को रोकने तथा इसके नियंत्रण हेतु जिला स्तर तथा विकासखण्ड स्तर पर रैपिड रिस्पोन्स टीम गठित की गई है। इसके साथ ही सीमावर्ती प्रदेशों आंध्रप्रदेश, ओडिशा एवं तेलंगाना से पक्षियों के परिवहन पर कड़ी नजर रखने के उद्देश्य से जिले के समस्त जांच नाकों पर पशु चिकित्सा की टीम स्थापित की गई है।