छत्तीसगढ़
सुकमा के गांवों के लोगों का आरोप न पुलिस जीने दे रही और न ही नक्सली

पुलिस और नक्सली से प्रताड़ित सुकमा जिले के 4 गांवों के 34 ग्रामीण अपनी शिकायत लेकर संभागीय मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और बुरकापाल के पूर्व सरपंच की बेटी अनिता माड़वी भी थीं। सभी मंगलवार को अपनी-अपनी समस्या बताने के लिए अफसरों से मिलेंगे। इस दौरान अनिता ने बताया कि उनके पिता की हत्या 10 मार्च 2017 को नक्सलियों ने की थी, उन पर मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।
मेरे घर पर हैं गोरखा के 16 ग्रामीण, वारंट दिखाओ ले जाओ: सोरी
सोनी सोरी के साथ गोरखा गांव के लोग भी पहुंचे थे। गोरखा के पटेल उइका भीमा ने बताया कि उनके गांव के 16 निर्दोष लोगों को पुलिस गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही है। सभी पर नक्सली मददगार होने का आरोप है। 16 लोगों ने सोनी सोरी के घर पर शरण ली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गोरखा के लोगों ने गोमपाड़ की हिड़मे की हत्या के मामले में गवाही दी है ऐसे में पुलिस जबरन उन्हें परेशान कर रही है।
सोनी सोरी ने कहा कि गोरखा के 16 ग्रामीण उनके घर पर हैं, यदि वे अपराधी हैं तो पुलिस वारंट दिखाकर इन्हें मेरे घर से ले जा सकती है।
समारोह से जबरन ले गई पुलिस
सोनी सोरी के साथ दाड़ली के सरपंच माड़वी चैतू की पत्नी माड़वी पायका भी पहुंची थी। उसने आरोप लगाए कि उसके पति को पुलिस एक शादी समारोह से तीन महीने पहले उठाकर ले गए थे। इसके बाद से वह चक्कर काट रही है। उसने कहा कि उसके पति बेगुनाह हैं




